मेरे दिल के आईने में , कोई ऐसा ख़ूबरु है ,
कि हर एक लम्हा तन मन , मेरा उसके रूबरू है ।।
HIS HOLINESS
In the followers of Sufism, the tendency to give innumerous sacrifices, softness and a passion to serve the fellow beings that is appreciable to share the sufferings of others without the difference of caste, creed or status.
HIS LIFE
गरीब परिवर , फ़रिश्ता सिफ़त, रहबर, शहंशाह, फकीर कामिल,आलिम, हकीम, शुरू ज़िन्दगी से ही तमाम दुनयावी ख़्वाहिशों से अलग राहे तरीक़त अख़्तियार करने वाले, ज़बान की शीरीनी पर मख़्लूक़ इस कदर फ़िदा कि लोग खिंचे चले आते हैं, जिनकी नज़रों से शफ़क़त और रहमत बरसती है, जिनके क़दमों की आहट से कायनात लरजती है, जिनकी मुबारक आवाज से हर गम भूल जाता है, मौजशाही सिलसिले के पीर और हमारे हबीब उनके बारे में कुछ कहने की गुस्ताख़ी करने की माफ़ी चाहते हैं।
-:: साहेब – मेरी नज़र से ::-
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MAUJSHAAHI MEMORIES
“LEARN THE SPIRITUAL WAYS WITH SUFIS”
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TEACHINGS OF MAUJSHAHI
तुम इस बात को ध्यान में रखना कि तुम्हारा आदमी की नस्ल से होना ही काफ़ी है कि तुम्हें उस आसमान वाले तक पहुंचने की राह दे दी जाए इसलिए कि हर पैदा होने वाले के साथ आसमान तक जाने वाली सीढ़ी मौजूद रहती है ।
सूफ़ी गिरोह के हर बुज़ुर्ग ने ताकीद की है कि दोआ मांगते वक़्त अपने जिस्म से अलग हो कर अपने को किसी तरह से गुनहगार न समझ कर सिर्फ़ अपने रूह होने का ख़्याल करके आजिज़ी के साथ दोआ मांगना ।
वो रूहानी इल्म उस मजबूत क़िले की तरह है जिसके अंदर दाखिल हो जाने के बाद इस दुनिया में मौजूद किसी तरह की धूप-छाँव से नहीं गुज़रना पड़ता, खौफ़ दिलाने वाले घटाव के झटकों से छुटकारा मिल जाता है।